पोखर किनारे , धूप सेंकती .....
पानी में , खुद को , देखती .....
पोखर किनारे .....एक लड़की !!
हाथों से दुपट्टा लहराती ,
कंकड़ उड़ाती ,
दूर तक ...... पानी में
लहरें बनाती ;
अपनी ही पलकों में भींगती ,
कभी मुस्कुराती ,
कभी शर्माती ,
घुँघरू बजाती .... छाम्छामाती ,
रूप कि मारी ....
वो लड़की कुंवारी .....
पोखर किनारे ...
डरते - डरते ,तब, आसपास देखती ,
फिर ,हाँथों से ,
प्रेमी के लिखे ख़त को
.......................पानी में फेंकती .
पोखर किनारे .......एक लड़की !!
- अभिषेक
Friday, February 27, 2009
Monday, February 16, 2009
mujhe bachcha bana do ..
मुझे अब चैन से सोना है ,
मुझे अब खुल के रोना है ,
..................कहाँ पे रखा मेरा खिलौना है ,
मुझे फिर से बच्चा बना दो !!
होली अबके ,घर में मनानी है ,
दादी से मुझे सुननी कहानी है ,
............कहाँ मेरे बचपन के राजा-रानी हैं ,
मुझे फिर से बच्चा बना दो !!
पेडों से फिर कच्चे आम तोड़ना है ,
उन गलियों में नंगे पांव दौड़ना है ,
.....पानी में कागज़ का एक जहाज़ छोड़ना है ,
मुझे फिर से बच्चा बना दो !!
- अभिषेक
मुझे अब खुल के रोना है ,
..................कहाँ पे रखा मेरा खिलौना है ,
मुझे फिर से बच्चा बना दो !!
होली अबके ,घर में मनानी है ,
दादी से मुझे सुननी कहानी है ,
............कहाँ मेरे बचपन के राजा-रानी हैं ,
मुझे फिर से बच्चा बना दो !!
पेडों से फिर कच्चे आम तोड़ना है ,
उन गलियों में नंगे पांव दौड़ना है ,
.....पानी में कागज़ का एक जहाज़ छोड़ना है ,
मुझे फिर से बच्चा बना दो !!
- अभिषेक
Tuesday, October 21, 2008
....kaisi ho maa
" सब कहते है ....
ऐसी हो माँ ,तुम , वैसी हो माँ ....
कोई माँ से कभी ये भी तो पूछे ,
की " कैसी हो माँ " ??
- अभिषेक
ऐसी हो माँ ,तुम , वैसी हो माँ ....
कोई माँ से कभी ये भी तो पूछे ,
की " कैसी हो माँ " ??
- अभिषेक
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